धार में डेढ़ करोड़ की सब्जी मंडी खंडहर बनी:8 साल से खाली पड़ी है 21 दुकानें, पुरानी मंडी में नगर पालिका कचरा डंप कर रही
धार में डेढ़ करोड़ की सब्जी मंडी खंडहर बनी:8 साल से खाली पड़ी है 21 दुकानें, पुरानी मंडी में नगर पालिका कचरा डंप कर रही
धार के मोतीबाग चौक पर डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई थोक सब्जी मंडी आज शोपीस बनकर रह गई है। नगर पालिका ने यहां 2018 में 21 दुकानों का निर्माण कराया था, लेकिन 8 साल बाद भी इनका आवंटन नहीं हो सका। दुकानें खंडहर बन रही हैं, वहीं पुरानी सब्जी मंडी को नगर पालिका ने ट्रेंचिंग ग्राउंड में बदल दिया है, जिससे इलाके में गंदगी और दुर्गंध फैल रही है। नगर पालिका ने करीब एक साल पहले थोक मंडी की दुकानों के लिए आरक्षण प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन व्यापारियों ने इस पर नाराजगी जताई। व्यापारियों का आरोप है कि सूचना को सार्वजनिक नहीं किया गया, जिससे वे आवेदन से वंचित रह गए। कुछ व्यापारियों ने न्यायालय का रुख करने की चेतावनी दी थी, लेकिन अभी तक न तो आवंटन हुआ और न ही स्थिति साफ हो सकी। पुरानी मंडी बनी डंपिंग जोन नगर पालिका की अनदेखी के कारण पुरानी थोक सब्जी मंडी कचरे का अड्डा बन चुकी है। नगर पालिका कर्मचारी मोहल्लों से कचरा लाकर यहीं डंप कर रहे हैं। रहवासियों और मंदिर समिति ने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों ने बताया कि कई दिनों से जमा कचरे से बदबू और बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। 52 दुकानों का था प्लान, सिर्फ 21 बनीं वर्ष 2016-17 में थोक मंडी परिसर में कुल 52 दुकानों के निर्माण की योजना बनाई गई थी। पहले चरण में 21 दुकानें बनकर तैयार भी हो गईं, लेकिन आज तक व्यवसायियों को आवंटित नहीं की गईं। देखरेख के अभाव में इन दुकानों के शटर जंग खा चुके हैं और कई जगह ढांचे में दरारें आ चुकी हैं। नपा सीएमओ विकास डावर ने कहा कि अतिक्रमण हटाने व सफाई करवाने के निर्देश दिए गए है, आवटन की प्रकिया कहा रुकी हैं, उसका भी जल्द स्थायी हल निकाला जाएगा।
धार के मोतीबाग चौक पर डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई थोक सब्जी मंडी आज शोपीस बनकर रह गई है। नगर पालिका ने यहां 2018 में 21 दुकानों का निर्माण कराया था, लेकिन 8 साल बाद भी इनका आवंटन नहीं हो सका। दुकानें खंडहर बन रही हैं, वहीं पुरानी सब्जी मंडी को नगर पालिका ने ट्रेंचिंग ग्राउंड में बदल दिया है, जिससे इलाके में गंदगी और दुर्गंध फैल रही है। नगर पालिका ने करीब एक साल पहले थोक मंडी की दुकानों के लिए आरक्षण प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन व्यापारियों ने इस पर नाराजगी जताई। व्यापारियों का आरोप है कि सूचना को सार्वजनिक नहीं किया गया, जिससे वे आवेदन से वंचित रह गए। कुछ व्यापारियों ने न्यायालय का रुख करने की चेतावनी दी थी, लेकिन अभी तक न तो आवंटन हुआ और न ही स्थिति साफ हो सकी। पुरानी मंडी बनी डंपिंग जोन नगर पालिका की अनदेखी के कारण पुरानी थोक सब्जी मंडी कचरे का अड्डा बन चुकी है। नगर पालिका कर्मचारी मोहल्लों से कचरा लाकर यहीं डंप कर रहे हैं। रहवासियों और मंदिर समिति ने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों ने बताया कि कई दिनों से जमा कचरे से बदबू और बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। 52 दुकानों का था प्लान, सिर्फ 21 बनीं वर्ष 2016-17 में थोक मंडी परिसर में कुल 52 दुकानों के निर्माण की योजना बनाई गई थी। पहले चरण में 21 दुकानें बनकर तैयार भी हो गईं, लेकिन आज तक व्यवसायियों को आवंटित नहीं की गईं। देखरेख के अभाव में इन दुकानों के शटर जंग खा चुके हैं और कई जगह ढांचे में दरारें आ चुकी हैं। नपा सीएमओ विकास डावर ने कहा कि अतिक्रमण हटाने व सफाई करवाने के निर्देश दिए गए है, आवटन की प्रकिया कहा रुकी हैं, उसका भी जल्द स्थायी हल निकाला जाएगा।