हरदा के किसानों के लिए कृषि विभाग की सलाह:हवा से मक्का और गेहूं की सिंचाई से नुकसान का खतरा, फसल गिरने की आशंका
हरदा के किसानों के लिए कृषि विभाग की सलाह:हवा से मक्का और गेहूं की सिंचाई से नुकसान का खतरा, फसल गिरने की आशंका
हरदा में कृषि विभाग ने किसानों को फसल को हाेने वाले नुकसान से बचाने के लिए सलाह दी है। उप संचालक कृषि संजय यादव ने विकासखंड टिमरनी के दूधकच्छ, सुहागपुर, मनियाखेड़ी, छिदगांव तमोली और पानतलाई गांव का दौरा किया। उन्होंने किसानों को चेतावनी दी कि तेज हवाओं के दौरान मक्का की फसल में सिंचाई करने से फसल आड़ी होकर गिर सकती है, जिससे आर्थिक नुकसान हो सकता है। इसी तरह, गेहूं की फसल में बाली निकलने का समय आ गया है, ऐसे में तेज हवा के दौरान सिंचाई करने से जड़ क्षेत्र में अधिक नमी हो जाती है, जिससे फसल के गिरने का खतरा बढ़ जाता है। डॉ श्रीचंद जाट और बीटीएम टिमरनी के अनिल मलगया ने चना की फसल के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चना में फूल और फली बनने का समय चल रहा है। किसानों को सलाह दी गई कि वे खेतों की लगातार निगरानी करें और केवल आवश्यकता पड़ने पर ही कीटनाशक और रोगनाशक का प्रयोग करें। किसानों को यह भी सुझाव दिया गया कि वे नियमित रूप से अपने खेतों का निरीक्षण करें और मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही सिंचाई करें। इस दौरान नरेंद्र छापरे, जयनारायण पटेल, सुरेंद्र सिंह राजपूत, संतोष गुर्जर, बालकदास बाके और आशीष गुर्जर सहित अन्य किसान मौजूद रहे।
हरदा में कृषि विभाग ने किसानों को फसल को हाेने वाले नुकसान से बचाने के लिए सलाह दी है। उप संचालक कृषि संजय यादव ने विकासखंड टिमरनी के दूधकच्छ, सुहागपुर, मनियाखेड़ी, छिदगांव तमोली और पानतलाई गांव का दौरा किया। उन्होंने किसानों को चेतावनी दी कि तेज हवाओं के दौरान मक्का की फसल में सिंचाई करने से फसल आड़ी होकर गिर सकती है, जिससे आर्थिक नुकसान हो सकता है। इसी तरह, गेहूं की फसल में बाली निकलने का समय आ गया है, ऐसे में तेज हवा के दौरान सिंचाई करने से जड़ क्षेत्र में अधिक नमी हो जाती है, जिससे फसल के गिरने का खतरा बढ़ जाता है। डॉ श्रीचंद जाट और बीटीएम टिमरनी के अनिल मलगया ने चना की फसल के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चना में फूल और फली बनने का समय चल रहा है। किसानों को सलाह दी गई कि वे खेतों की लगातार निगरानी करें और केवल आवश्यकता पड़ने पर ही कीटनाशक और रोगनाशक का प्रयोग करें। किसानों को यह भी सुझाव दिया गया कि वे नियमित रूप से अपने खेतों का निरीक्षण करें और मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही सिंचाई करें। इस दौरान नरेंद्र छापरे, जयनारायण पटेल, सुरेंद्र सिंह राजपूत, संतोष गुर्जर, बालकदास बाके और आशीष गुर्जर सहित अन्य किसान मौजूद रहे।